बहुत बेहतरीन!!
बहुत खूब धन्यवाद
कम शब्दों में बहुत सुन्दर कविता।बहुत सुन्दर रचना । आभार ढेर सारी शुभकामनायें.Sanjay kumarhttp://sanjaybhaskar.blogspot.com
शब्द तो कम हैं, अनुभूति बड़ी है ।तरलता सदैव ही तुम्हें आप्लावित करती है, आतंकित भी ! सम्हल कर रहो ! धन्यवाद ।
badi gahri baat kah di........sara adhyatm hi utaar diya chand shabdon mein.
तरलता वाष्पित भी होती है। ठोस-तरल-विरल, सभी आंतरिक अनुभूतियां हैं।आप बहुत बढ़िया लिखते हैं बन्धु।
तरलता रिश्तों को बांधती है ...पूर्ण भी करती है ...और कभी कभी दूर भी ....!!
कभी पढ़ा था द्रव्य अपना रास्ता स्वयं ढूंढ लेते हैं...यहाँ तक कि रिश्ते भी...सुन्दर ..नहीं....अतिसुन्दर..!!आभार...
Kya baat hai.Bahut sundar.
गागर में सागर।--------घूँघट में रहने वाली इतिहास बनाने निकली हैं।खाने पीने में लोग इतने पीछे हैं, पता नहीं था।
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10 comments:
बहुत बेहतरीन!!
बहुत खूब धन्यवाद
कम शब्दों में बहुत सुन्दर कविता।
बहुत सुन्दर रचना । आभार
ढेर सारी शुभकामनायें.
Sanjay kumar
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
शब्द तो कम हैं, अनुभूति बड़ी है ।
तरलता सदैव ही तुम्हें आप्लावित करती है, आतंकित भी !
सम्हल कर रहो !
धन्यवाद ।
badi gahri baat kah di........sara adhyatm hi utaar diya chand shabdon mein.
तरलता वाष्पित भी होती है। ठोस-तरल-विरल, सभी आंतरिक अनुभूतियां हैं।
आप बहुत बढ़िया लिखते हैं बन्धु।
तरलता रिश्तों को बांधती है ...पूर्ण भी करती है ...और कभी कभी दूर भी ....!!
कभी पढ़ा था द्रव्य अपना रास्ता स्वयं ढूंढ लेते हैं...यहाँ तक कि रिश्ते भी...
सुन्दर ..नहीं....अतिसुन्दर..!!
आभार...
Kya baat hai.Bahut sundar.
गागर में सागर।
--------
घूँघट में रहने वाली इतिहास बनाने निकली हैं।
खाने पीने में लोग इतने पीछे हैं, पता नहीं था।
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