Tuesday, July 21, 2009

जिन्दगी के रास्ते पर

जिन्दगी के रास्ते पर
निकलो
सामने होगी
दुख-सुख, इच्छा-अनिच्छा
आकांक्षा-महत्वाकांक्षा
और भी बहुत कुछ
इन सबके बीच झूलता हुआ आदमी
एक-एक मील का पत्थर
पार कर रहा है
इस रास्ते में
चौराहा भी है
चौराहे पर कुछ कथित
राह बताने वाले
और राह में चलने वाले
बहुत ही मुश्किल है
राह के लिये
मित्र का चुनाव
जिसे मिल जाय सही मित्र
और हमसफर भी
फिर उसे जीवन पथ पर
बढ़ने से
उस सीमा तक पहुँचने से
कौन रोक सकता है ?
जिसके आगे राह नहीं ....

8 comments:

Himanshu Pandey said...

चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है । नित नया लिखें और लिखते ही रहें ।
कविता के लिये आपका धन्यवाद ।

IMAGE PHOTOGRAPHY said...

Welcome in this blogging world.
Please Visit my blog Image Photography

Unknown said...

स्वागत है आपका इस जगत मे।

दिगम्बर नासवा said...

Sundar rachna ke saath swagat hai aapka......

अजय विश्वास said...

सुंदर कविता के साथ आपने चिट्ठा जगत में प्रवेश किया, स्वागत है।

Akhileshwar Pandey said...

भावपूर्ण व ईमानदार अभिव्‍यक्ति वाली कविता के लिए शुभकामना।

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

bahut khub. narayan narayan

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।