जब तुम्हारी उपस्थिति होती है
अनोखा पर्यावरण
निर्मित हो जाता है
सभी पूर्णांक हो जाते हैं नतमस्तक
उसमें नहीं होता
ओजोन छिद्र का प्रभाव
नहीं होती है मात्रा
आर्सैनिक की पानी में
नहीं चिन्ता घटते जल स्तर की
नहीं है विषाक्त गैसों का प्रभाव
और कुछ भी नहीं होता क्षत-विक्षत......!
वहां
वह सब कुछ है
जिनसे मिलती हैं
अनन्त खुशियां
स्वच्छ वातावरण
चंहुदिश हरियाली
पक्षियों का कलरव
जिस जहां में यह सब हो
उसकी रचना कैसी होगी
तुम्हारे अंकेक्षण में
सभी पूर्णांक हो जाते हैं नतमस्तक
कहां और किसकी होगी परीक्षा ।
8 comments:
जब तुम्हारी उपस्थिति होती है
अनोखा पर्यावरण
निर्मित हो जाता है
यह इसलिये क्योकि वहाँ प्रदूषण नही है
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
हां, पर्यावरण (या कुछ अन्य भी) के सुधार में यह तत्व तो अत्यावश्यक है!
हेमंत भाई नमस्कार ,
सुन्दर लिखा है आपने ..
आपके तबियत अब कैसी है ?
बिल्कुल सही कहा आपने
हैपी ब्लॉगिंग
विज्ञान बिम्बों को लेकर अतिसुन्दर कविता.
प्रेम ! बिना उसके कुछ सम्भव नहीं।
hemant ji namaskar
bahut hi sunder
बहुत ही सुंदर --इस खुलेपन की जितनी भी तारीफ़ करें कम है, दोस्त।
dher sari subh kamnaye
happy diwali
from sanjay bhaskar
haryana
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
sahi kaha hai aapne
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