Wednesday, March 10, 2010

ख्वाब से हकीकत की यात्रा में

http://i.ehow.com/images/a05/1v/tn/go-green-camping-ecofriendly-tips-120X120.jpg
ख्वाब से हकीकत की यात्रा में
अनेक पड़ाव हैं...

आत्मबोध
जहां
तय होता है
भविष्य यात्रा का ...!

नकारात्मकता
जिससे लड़ना है
यदि बढ़ना है
आगे....!

कुछ दूर और चलने पर
मिलेगा....
सकारात्मक भाव
बढ़ेगा हौसला
और

हो सकोगे यथार्थोन्मुख....।

12 comments:

Himanshu Pandey said...

कुल मिलाकर अनगिन पड़ावों की यात्रा ही है जिंदगी !
वापसी तो हुई !
इतने मौन न रहे मेरे भाई !

वाणी गीत said...

आत्मबोध के चलते नकारात्मक से सकारात्मक की यथार्थ को उन्मुख आपके शब्दों की यात्रा ...
क्या बात है ...!!
हाँ ...मौन इतनी लम्बी अवधि का नहीं होना चाहिए ...लिखते रहा करें ...!!

प्रवीण पाण्डेय said...

नकारात्मक भाव पहले आपकी निष्ठा टटोलता है, तभी सकारात्मक भाव को आने देता है ।

Sulabh Jaiswal "सुलभ" said...

बढ़ेगा हौसला शनै शनै

अभिषेक आर्जव said...

ख्वाब से हकीकत की यात्रा में
अनेक पड़ाव हैं...
अच्छी लगी पन्क्ति !

गिरिजेश राव, Girijesh Rao said...

मेरे सफर
पड़ाव न गिन
सुनो कि मैं घूमता
वृत्त परिधि पर
अन्दर यथार्थ है
या बाहर स्वप्न -
नहीं पता रुकता हूँ
ये रुकना पड़ाव नहीं
अंतहीन यात्रा है
घूमना घूमना
रुकना सुस्ताना
पड़ाव नहीं -
बस घूमना एक ही राह
बार बार ...
चरैवेति चरैवेति
.. मैं बुद्ध नहीं
सुन सफर।

शरद कोकास said...

बहुत गूढ़ कविता है भाई ।

IMAGE PHOTOGRAPHY said...

सुन्दर कविता...

पूनम श्रीवास्तव said...

Sundar kavita----.

Arvind Mishra said...

क्या फिर यात्रा रुकी ....

Jai Prakash Chaurasia said...

चिंतन को विवश कर दिया भाई अपनें |

shama said...

Pahli baar aayi hun aapke blogpe...aur bahut prabhavit hun!