यही मनुष्य की मनुष्यता और प्रतिदिन जीने की जिजीविषा है जिसने जीवन का राग-रंग जिन्दा रखा है । सृष्टि के शाश्वत क्रम के बहाने बहुत कुछ ....! आभार ।
सूरज की किरणें और भोर का पहर जीवन को एक नया दिन देता है जो एक नये रास्ते की ओर चलते है ..संदेश देती हुई बहुत सुंदर गीत....बधाई हेमंत जी..
यह आमन्त्रण चूको मत मित्र। उठ जाओ!
सूरज की किरणेंनित नयेपन को आमंत्रण दे रही हैं ...! - इसी आमंत्रण को संबल बना कर जीवन की डगर आसानी से पार की जा सकती है.
सुप्रभात मित्र ।
नित नए जीवन की आस जगती सुबह की इस बेला को प्रणाम ...अच्छी कविता ..!!
प्रकृति का अनोखा चित्रण किया है आपने।
यह आमन्त्रण चूको मत मित्र। उठ जाओ!बहुत ही सुंदर --इस खुलेपन की जितनी भी तारीफ़ करें कम है, दोस्त।dher sari subh kamnayehappy diwalifrom sanjay bhaskarharyanahttp://sanjaybhaskar.blogspot.com
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8 comments:
यही मनुष्य की मनुष्यता और प्रतिदिन जीने की जिजीविषा है जिसने जीवन का राग-रंग जिन्दा रखा है । सृष्टि के शाश्वत क्रम के बहाने बहुत कुछ ....!
आभार ।
सूरज की किरणें और भोर का पहर जीवन को एक नया दिन देता है जो एक नये रास्ते की ओर चलते है ..
संदेश देती हुई बहुत सुंदर गीत....बधाई हेमंत जी..
यह आमन्त्रण चूको मत मित्र। उठ जाओ!
सूरज की किरणें
नित नयेपन को आमंत्रण दे रही हैं ...!
- इसी आमंत्रण को संबल बना कर जीवन की डगर आसानी से पार की जा सकती है.
सुप्रभात मित्र ।
नित नए जीवन की आस जगती सुबह की इस बेला को प्रणाम ...
अच्छी कविता ..!!
प्रकृति का अनोखा चित्रण किया है आपने।
यह आमन्त्रण चूको मत मित्र। उठ जाओ!
बहुत ही सुंदर --इस खुलेपन की जितनी भी तारीफ़ करें कम है, दोस्त।
dher sari subh kamnaye
happy diwali
from sanjay bhaskar
haryana
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
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