तुम प्रकृति की अद्भुत रचना हो
तुममे विलक्षणता के सारे गुण हैं
धन्य हुआ होगा ईश्वर भी
धरती पर तुम्हें भेज के
तुम्हारी कार्य शैली
चातुर्य, व्यस्तता,
हर फन में पारंगत होना
साथ ही
सबको खुश रखने का गुण
मन मोहक है
हम भी कायल हैं तुम्हारी
जीवन शैली के
कैसे कर लेते हो तुम
यह सब
कैसे सह लेते हो तुम
यह सब
सबकी सन्तुष्टि बीच
कहां से चुरा लेते हो
समय
अपना अपनेपन के लिये
तुम्हारा जीवन
एक रहस्य से कम नहीं......!
4 comments:
बहुत बेहतरीन!
हिमांशु के शहर से हिमांशु जैसा ही लिखने वाला ये कौन है ..??
बहुत बढ़िया .. शुभकामनायें ..!!
@ वाणी गीत, सौभाग्य है...हमारे कस्बे की पहचान ब्लागिंग जगत में हमारे लंगोटिए यार से है ।हमारी खुशकिस्मती है । इससे ज्यादा और क्या कहना..!...रही बात मेरी ...सौ फीसदी सच कहूंगा-- मुझे भी ब्लागिंग की राह इसी ने दिखायी..!
LAJAWAAB ..... TUMHAARA JEEVAN HI NAHI TUM BHI EK RAHASY SE KAM NAHI HO ...
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