मैने देखा
समय ने दांव दे दिया
आज
ऐसा आदमी
जिसने जीवन में किसी के सामने
हांथ फैलाना उचित नहीं समझा
आज वह बिना लाग-लपेट के
पुकार रहा है............
एक ऐसे आदमी को
जो अभी अपनी स्थापना के लिये
दिन-ब-दिन
नये-नये मायने तलाश रहा है
दोनों ने अपना स्नेह निर्झर
ऐसा बहाया
लगा जैसे जीवन सरिता
बह चली
हां ! समय ने दांव दे दिया।
4 comments:
समय की गति यूँ ही विचित्र चला करती है । आभार ।
Sach kahaa.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं, राष्ट्र को उन्नति पथ पर ले जाएं।
samay ki gati ase hi chalati rahati hai
Jeevan kee vidambana darshatee rachna..!
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