Tuesday, August 25, 2009

हां ! समय ने दांव दे दिया

मैने देखा
समय ने दांव दे दिया
आज
ऐसा आदमी
जिसने जीवन में किसी के सामने
हांथ फैलाना उचित नहीं समझा
आज वह बिना लाग-लपेट के
पुकार रहा है............
एक ऐसे आदमी को
जो अभी अपनी स्थापना के लिये
दिन-ब-दिन
नये-नये मायने तलाश रहा है
दोनों ने अपना स्नेह निर्झर
ऐसा बहाया
लगा जैसे जीवन सरिता
बह चली
हां ! समय ने दांव दे दिया।

4 comments:

Himanshu Pandey said...

समय की गति यूँ ही विचित्र चला करती है । आभार ।

Anonymous said...

Sach kahaa.
वैज्ञानिक दृ‍ष्टिकोण अपनाएं, राष्ट्र को उन्नति पथ पर ले जाएं।

IMAGE PHOTOGRAPHY said...

samay ki gati ase hi chalati rahati hai

shama said...

Jeevan kee vidambana darshatee rachna..!

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