Monday, August 17, 2009

सामान्य हुआ मौसम

बारिश आयी
सामान्य हुआ मौसम
जनजीवन खुश हो उठा
आस जगी
अब भी
चलो
रोपाई हो धान की
शायद ईश्वर की यही ईच्छा हो
खेत फिर से लहलहा उठे
अनाज पैदा हो
निजात मिले सूखे से
यही प्रार्थना है
क्यों कि
जब
किसान हो खुशहाल
तभी होगा
देश खुशहाल...।

4 comments:

TUMHARI KHOJ ME said...

आस जगाती एक प्रेरणादायक कविता के लिए बधाई स्‍वीकारें।

Fauziya Reyaz said...

sahi kaha aapne...kisaan ho khush haal tabhi desh hoga khush haal

Himanshu Pandey said...

प्रार्थना के स्वर ऊँचाईयाँ प्राप्त करें, सार्थक हों, प्राणवंत हों । आमीन !

Ashish Khandelwal said...

प्रार्थना अपना असर दिखाए.. हैपी ब्लॉगिंग