शिक्षक दिवस पर...
एक पत्र उन शिक्षकों के नाम
जिन्हों ने जहां को रोशन करने में
अपना सब कुछ लुटा दिया ।
परम आदरणीय,
सादर...!
आपके योगदान को
कैसे भूलेगा यह संसार ?
क्या आपको एक दिवस ही काफी है ?
जब पुरस्कृत होता है छात्र
उसके पार्श्व में और कौन है
आपके सिवाय,
किसे मिलता है पुरस्कार,
कौन होता है हर्षातिरेक से पागल,
किसका उल्लास छूता है आकाश -
छात्र का ? या आपका ?
हर उस रोज होती है
स्थापना ....!
शाश्वत सच की
जिस तक पहुचाने का माध्यम
अगर कोई है तो वह....
कोई और नहीं शिक्षक ही है.......!
सादर प्रणाम......!
3 comments:
शिक्षक के प्रति श्रद्धा का शुभ भाव झलक रहा है इन पंक्तियों में । धन्यवाद । जय शिक्षक दिवस ।
शिक्षक दिवस की ढेरों शुभकामनायें ..!!
शिक्षक दिवस पर मैं अपने सभी शिक्षकों
का पुण्य स्मरण करते हुए नमन करता हूँ |
भगवान् उन सब को दीर्घजीवी बनाये | ताकि वह सब ज्ञान का
प्रकाश दूर दूर तक पंहुचा सकें |
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