राम भजो राम भजो राम भजो भाई ।
राम के भजे से गनिका तर गई,
राम के भजे से गीध गति पाई।
राम के नाम से काम बनै सब,
राम के भजन बिनु सबहि नसाई॥
राम के नाम से दोनों नयन बिनु,
सूरदास भए कबिकुल-राई।
राम के नाम से घास जंगल की,
तुलसीदास भए भजि रघुराई॥
( भारतेन्दु हरिश्चन्द्र कृत - अन्धेर नगरी से)
4 comments:
बहुत सुन्दर उन्को शत शत नमन आपका आभार्
kalyug kewal naam aadhara,simar simar nar utare para.narayan narayan
बहुत बहुत आभार आपने जो इतनी अच्छी रचना पढवायी.
राम भजो राम भजो राम भजो भाई ।
राम भजो राम भजो राम भजो भाई ।
राम भजो राम भजो राम भजो भाई ।
राम भजो राम भजो राम भजो भाई ।
भारतेन्दु जी की कविता का आभार ।
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